
Ranchi: आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी छात्र संगठनों के आहूत रांची बंद का आंशिक असर देखने को मिला. सुबह 10 बजे तक बंद का थोड़ा-बहुत असर कुछ इलाकों में देखा गया, लेकिन फिर सब सामान्य होने लगा और दोपहर तक बंद का असर दिखना खत्म हो गया. सड़कों पर आवागमन आम दिनों की तरह ही रही, दुकानें, स्कूल-कॉलेज सब खुले रहे. कुछ स्कूलों में बंद को देखते हुए अपने स्कूल बंद रखे. बंद को देखते हुए पुलिस ने कड़े इंतजाम कर रखे थे. जेल मोड़ के पास स्थित आदिवासी हॉस्टल से सुबह सैकड़ों की संख्या में छात्र रांची बंद कराने के लिए निकलने वाले थे. इस दौरान पुलिस ने मौके पर पहुंचकर करीब 200 छात्र-छात्राओं को हिरासत में लिया और उन्हें मोरहाबादी स्थिति फुटबॉल स्टेडियम में बने कैंप जेल में भेज दिया.

बंद को लेकर तैनात किये गये 100 मजिस्ट्रेट और 700 पुलिसकर्मी
बंद की देखते हुए रांची जिला प्रशासन के निर्देश पर शहर के चौक-चौराहों पर पुलिस बल तैनाती दिखी, जिसके कारण कहीं भी उपद्रव की घटना नहीं हो पायी. सबसे अधिक पुलिस बल की तैनाती जेल मोड़ और अल्बर्ट एक्का चौक पर रही. इसके अलावा शहीद चौक, कचहरी चौक, करमटोली चौक, लालपुर चौक, न्युक्लियस मॉल, आदि जगहों पर भी पुलिस बल की तैनाती थी. बंद की घोषणा होते ही रांची डीसी मनोज कुमार और एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने रांची के सभी थानों को नौ जोन में बांटकर 100 मजिस्ट्रेट और 700 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया था. इसके अलावा बंदी के दौरान पुलिस की ओर से गश्ती भी की गयी.
जेपीएससी-जेएसएससी की परीक्षाओं में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं करने का आरोप
गौरतलब है कि जेपीएससी और जेएसएससी की परीक्षाओं में आरक्षण रोस्टर का अनुपालन नहीं होने का आरोप लगाते हुए आदिवासी व मूलवासी संगठनों ने बंद बुलाया है. बंद के दौरान सभी आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखने का एलान किया गया था. आदिवासी छात्र संगठनों के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर जेपीएससी और जेएसएससी की नियुक्तियों में आरक्षण का अनुपालन नहीं होता है, तो पूरे राज्य में उग्र आंदोलन होगा़.

छात्र संगठनों ने कहा सरकार की नीतियां आदिवासी-मूलवासी विरोधी
आदिवासी छात्र संगठनों का कहना है कि राज्य में एसटी, एससी, ओबीसी आबादी लगभग 85 फीसदी है, लेकिन सरकार की नीतियां इनके हित में नही़ं है. आरक्षण में छेड़छाड़ कर झारखंडियों के अधिकार का हनन हो रहा है़. बंद को आदिवासी छात्र संघ रांची विवि समिति, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, केंद्रीय सरना समिति, सरना प्रार्थना सभा, आदिवासी युवा मोर्चा, मार्क्सवादी युवा मोर्चा, झारखंड आदिवासी विकास समिति, छात्र लोक समता, आदिवासी सेंगेल आंदोलन ने समर्थन दिया.
क्या कहता है जेपीएससी
जेपीएससी ने स्पष्ट किया है कि छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट सरकार और हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में जारी किया गया है. संशोधित रिजल्ट स्क्रीनिंग के आधार पर जारी किया गया है. नियमानुसार इसमें आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता. सरकार की नियमावली के आधार पर मुख्य परीक्षा में ही आरक्षण का लाभ मिलेगा. आयोग इसे अक्षरश: पालन करेगा.
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