
New Delhi : देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी चीफ जस्टिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेस किया हो. प्रेस वार्ता में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरीन जोसेफ भी मौजूद थे. जस्टिस चलमेश्वर ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जजों को मीडिया के सामे आना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी आत्मा को बेच दी, कल ऐसा कोई ना कहे. कहाः दीपक मिश्रा से बात की लेकिन चीजें ठीक नहीं हुईं. हमारे सामने ऐसा कोई विकल्प नहीं बचा था इसलिए हमलोगों ने अपनी बात देश के सामने रखी. बताया जा रहा है कि न्यायधीशों की नियुक्ति के बारे में सरकार और न्यायपालिका के बीच चल रहे गतिरोध की वजह से यह हालात पैदा हुये हैं.
क्या कहा जजों ने
जजों ने शीर्ष अदालत के प्रशासन में अनियमितताओं पर सवाल खड़े किये हैं. मीडिया से बात करते हुए नंबर दो के जज माने जाने वाले जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा, 'करीब दो महीने पहले हम चार जजों ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा और मुलाकात की. हमने उनसे बताया कि जो कुछ भी हो रहा है, वह सही नहीं है. प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है. यह मामला एक केस के असाइनमेंट को लेकर था.
कुछ देर में सर्वाजनिक होगा लेटर
हालांकि जजों ने यह नहीं बताया कि वह किस मुद्दे की बात कर रहे हैं. जस्टिस चेलामेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि हम वह लेटर

सार्वजनिक करेंगे, जिससे पूरी बात स्पष्ट हो जायेगी. चेलामेश्वर ने कहा कि 20 साल बाद कोई यह न कहे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी है. इसलिए हमने मीडिया से बात करने का फैसला किया. चेलामेश्वर ने कहा कि भारत समेत किसी भी देश में लोकतंत्र को बरकरार रखने के लिए यह जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्था सही ढंग से काम करे.
'राष्ट्र विचार करे CJI पर महाभियोग चले या नहीं'
चेलामेश्वर ने कहा कि हमारे पत्र पर अब राष्ट्र को विचार करना है कि मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए या नहीं. जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि यह खुशी की बात नहीं है कि हमें प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलानी पड़ी है. सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन सही से नहीं चल रहा है. बीते कुछ महीनों में वे चीजें हुई हैं, जो नहीं होनी चाहिए थीं.
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