
Raipur : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 14 अप्रैल की सभा और रेाड को देखते हुए बीजापुर के जांगला में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. खबरों के अनुसार जांगला के दस किलोमीटर के दायरे में दस हजार जवानों को तैनात कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने सुरक्षा में अपनी ताकत झोंक दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को बीजापुर में रोड शो भी करने वाले हैं.
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दो दिन पूर्व से ही सील कर दिया जायेगा सीमाओं को
बताया गया है कि पीएम मोदी की सुरक्षा एसपीजी समेत एनएसजी, डीआरजी, सीआरपीएफ कोबरा तथा सीएएसएफ पांच लेयर में होगी. पीएमओ खुद सुरक्षा इंतजाम के बारे में निगरानी कर रहा है. इस सबंध में हर एक घंटे के अंतराल में रिपोर्टिंग की जा रही है. शनिवार सात अप्रैल से ही यूएवी (अनमैंड एयर ह्वीकल) से सर्चिंग शुरू कर दी गयी है. सर्च आपरेशन राउंड द क्लॉक चलाये जा रहे हैं. पुलिस मुख्यालय ने बस्तर संभाग के सभी एसपी को हाई अलर्ट जारी कर दिया है. बीजापुर के अंदरूनी इलाकों में डीआरजी व सीआरपीएफ के जवान चप्पे-चप्पे पर निगरानी कर रहे हैं. प्रवास के दो दिन पूर्व से ही सीमाओं को सील कर दिया जायेगा. एयर फोर्स के मिग श्रेणी के दो हेलीकाप्टरों से निगरानी शुरू कर दी गयी है. पीएम मेादी के दौरे के 48 घंटे पहले ही एसपीजी टीम बीजापुर मुख्यालय को अपनी कमान में ले लगी. एयरस्ट्रीप समेत, सभा स्थल एवं पीएम दौरे के रूट पर उनकी नजर रहेगी.
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बुलेटप्रुफ कार में चलेगा मोदी का काफिला
पीएम मोदी के एयरस्ट्रीप से सभा स्थल तक पहुंचने के लिए बुलेट प्रूफ स्पेशल कार मंगवाई गयी है. उनके काफिले में जैमरयुक्त वाहन तैनात होगा, जिसमें मौजूद एंटीना सड़क की दोनों ओर विस्फोटकों को निष्क्रिय करने में सक्षम होगा. एसपीजी की टीम अप्रिय स्थिति में वीआईपी को सुरक्षा घेरे में लेकर एक मिनट की 100 वें हिस्से में शूटआउट करने में दक्ष है. एसपीजी एवं पीएमओ की अनुमति से ही भाजपा के नेता मोदी से मिल पायेंगे. प्रशासन द्वारा समारोह स्थल पर प्रवेश के लिए जारी किये गये लोगों के पास एवं जानकारी पीएमओ को भेजी जा रही है.
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नक्सलियों की रणनीति रही है, वीआईपी के आगमन पर वारदात करें, ताकि खबर बने
पिछली बार नरेंद्र मोदी 10 मई को दंतेवाड़ा आये थे. उस दौरान भी नक्सलियों ने गड़बड़ी फैलाने की पूरी कोशिश की थी लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता से सफल नहीं हो पाये थे. नक्सलियों ने चार ब्लास्ट किए जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ. नक्सलियों ने किरंदुल रेल पटरी उखाड़ दी. एक दिन पहले सुकमा जिले के दो सौ ग्रामीणों को अगवा कर लिया गया था. उन्होंने एक बुजुर्ग को मार दिया और बाकी को रिहा कर दिया था. नक्सलियों की यह रणनीति रही है. किसी वीआईपी के आगमन पर घटना को अंजाम देने से बड़ी खबर बनती है. देशभर में प्रचार होता है. यही वजह है कि ऐसे मौकों पर वे पूरी ताकत लगाते दिखते हैं. नेताओं के आगमन पर कई बार हमला हुआ है. लेकिन 2013 में विपक्षी कांग्रेस पर हुआ हमला सबसे वीभत्स हमला था. परिवर्तन यात्रा पर निकले कांग्रेस नेताओं पर झीरम घाट में नक्सलियों ने गोलियां बरसायी थी, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा समेत 31 नेता मारे गये थे.
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500 कमांडो का दस्ता बीजापुर के मोर्चे पर उतारा गया
सीआरपीएफ के स्पेशल 500 कमांडो का दस्ता सोमवार नौ अप्रेल को देर रात तक बस्तर पहुंच गया. मंगलवार को जवानों को बीजापुर के मोर्चे पर उतार दिया गया. सभी जवान एक साथ रवाना हुए. सीआरपीएफ के जवानों के साथ आला अधिकारियों की एक टीम भी भेजी गयी है. सीआरपीएफ के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले स्पेशल जवानों के एक दल को कार्यक्रम से चार दिन पहले तैनात किया जाता है. यह दल कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करता है. बताया जा रहा है कि राज्य पुलिस और स्थानीय फोर्स के साथ समन्वय स्थापित कर प्रधानमंत्री की सुरक्षा का घेरा तैयार किया जाता है. बीजापुर में दस हजार जवानों को पहले से ही तैनात कर दिया गया है. इसके साथ ही सभास्थल जांगला के लिए पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से प्लान तैयार कर लिया है. बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि बीजापुर सहित प्रधानमंत्री के सभी कार्यक्रम स्थल के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं .
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