
Dhanbad: बसंत पंचमी, बसंत ऋतू के आगमन को दर्शाता है. इसी दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. यह त्यौहार भारत में हिंदू समाज के द्वारा बहुत ही उत्साह और ख़ुशी से मनाया जाता है. हिंदी भाषा में बसंत का मतलब होता है बसंत ऋतू. जबकि पंचमी का अर्थ होता है पांचवा दिन. आसान शब्दों में अगर हम समझे तो बसंत पंचमी बसंत ऋतू के पांचवे दिन मनाया जाता है. यह दिन माघ माह का पांचवा दिन होता है. जिसे लोग सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं.
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विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना
बसंत पंचमी, सरस्वती को समर्पित है, जो ज्ञान की देवी हैं. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सरस्वती देवी निरंतर सभी लोगों को ज्ञान प्रदान करती हैं. इस त्योहार को भारत के सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में बहुत ही सुंदर तरीके से पारंपरिक रूप से मनाया जाता है. सभी छात्र मां सरस्वती से आशीर्वाद लेते हैं.
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फ़ेसबुक पेज के डिजाइनर पंडाल में विराजी मां सरस्वती
धनबाद जिले के मुकुंदा स्थित गरीब टोला समिति (जीटीएस) क्लब के द्वारा पिछले दस वर्षों से सरस्वती पूजा का आयोजन किया जा रहा है. जमाना सोशल मीडिया का है. ऐसे में समिति के सदस्यों ने भी थीम पंडाल का निर्माण किया है. 10 बाई 12 के फेसबुक पेज की तरह डिजाइनर पंडाल में मां सरस्वती की आराधना की गयी.
सोशल मीडिया की थीम पर बनाया पंडाल: उपेंद्र
समिति के सदस्य उपेंद्र ने कहा जमाना सोशल मीडिया का है. ऐसे में फेसबुक पेज के डिजाइनर पंडाल में मां सरस्वती की आराधना की गयी है. पिछले दस सालों से हम सभी पूजा करते आ रहे हैं. जैसे देश डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहा है इसी को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया के डिजाइन पर पंडाल का निर्माण किया गया है.
ये थे मौजूद
जीटीएस क्लब के सदस्य सूरज, शंकर नवीन, अभिषेक, अमन, रोहित, राकेश आनंद, उपेंद्र, अमन, पवन, अंकित, गोरे ने अपनी सक्रिय भूमिका निभायी.
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