बोकारो : तीन साल में बनना था ढाई किलोमीटर का ओवरब्रिज, साढ़े चार साल में भी अधूरा
डीवीसी बोकारो थर्मल के विलंब से पूरी होनेवाले प्रोजेक्ट (किस्त- 01)

Sanjay
Bermo : बेरमो अनुमंडल के बोकारो थर्मल में डीवीसी का कोई भी प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो पाता है. इस कारण लागत में भी बढ़ोतरी होती चली जाती है और डीवीसी को नुकसान उठाना पड़ता है सो अलग. अचरज की बात ये है कि प्रोजेक्ट को डिले करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करने या पेनाल्टी काटने के बजाय डीवीसी काम करने के लिए उन्हें अग्रिम धनराशि का भुगतान करती है.
बोकारो थर्मल में लगभग ढाई किलोमीटर लंबे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य इसी का नमूना है. डीवीसी द्वारा 134 करोड़ की लागत से ओवरब्रिज के निर्माण का कार्य राइट्स कंपनी को दिया गया था. कंपनी ने यह काम सुप्रीम बीकेबी एंड डेको के संयुक्त उपक्रम की कंपनी को दे दिया था. फरवरी 2015 में आरंभ हुए निर्माण कार्य को 36 माह में पूरा करना था. परंतु 54 माह बाद भी यह अधूरा पड़ा है.
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ओवरब्रिज निर्माण के बाद बंद हो जायेगा पुराना मार्ग
डीवीसी द्वारा बनवाये जा रहे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य के पूरा हो जाने के बाद वर्तमान कथारा जाने वाले पुराने मार्ग को बंद कर दिया जायेगा. कथारा पुल के बोरिया बस्ती साइड से बनने वाले ओवरब्रिज को स्थानीय रेलवे गेट के समीप से तीन अलग-अलग रास्तों में विभक्त किया गया है.
कथारा बोरिया बस्ती से आने वाले मार्ग को वर्तमान डीवीसी जमा दो उच्च विद्यालय के समीप मेन रोड में उतारा जायेगा. उपरोक्त मार्ग आम लोगों की आवाजाही के लिए होगा. जबकि रेलवे गेट के समीप से ही दो अलग-अलग रास्तों को ओवरब्रिज के द्वारा पावर प्लांट में सीएचपी के समीप उतारा जायेगा.
एक मार्ग से कोयला, छाई व मैटेरियल के वाहनों तथा भारी वाहनों की आवाजाही होगी जबकि दूसरे रास्ते से डीवीसी कर्मी डयूटी के लिए आवाजाही करेंगे. पावर प्लांट होकर कथारा जानेवाले मार्ग को बंद नहीं किये जाने के कारण पावर प्लांट का कई निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
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रेलवे की आपत्ति व नदी के कारण हो रहा विलंब
रेलवे गेट के समीप से ओवरब्रिज को रेलवे लाइन के उपर से गुजारना है. कार्यरत कंपनी या डीवीसी ने ओवरबिज का उपरोक्त काम के लिए रेलवे से किसी प्रकार का कोई परमिशन नहीं लिया था जिसके कारण रेलवे ने पूर्व में काम बंद करवा दिया था.
रेलवे ने लाइन दोहरीकरण के कार्य के कारण डीवीसी के वर्तमान 6 एवं 7 नंबर गेट को भी बंद करने का निर्देश दे रखा है. रेलवे द्वारा काम बंद करवाये जाने के बाद कार्यरत कंपनियों की नींद खुली और इस दिशा में प्रयास किये जाने लगे. इसके अलावा कोनार नदी में निर्माणाधीन पीलर के कार्य में भी विलंब हुआ. नदी में पीलर का निर्माण के दौरान कड़े पत्थर के चट्ठानों से मिलने के कारण उसे तोड़ने में कठिनाई हो रही थी. चट्ठानों को विस्फोटकों से तोड़ने की बजाय केमिकल से तोड़ा गया जिसके कारण भी विलंब हुआ.
कहा था, तय समय सीमा पर पूरा हो जायेगा काम
काम पूरा होने को लेकर पूर्व में डीवीसी सिविल के डिप्टी चीफ लालबाबू शर्मा ने कहा था कि रेलवे की आपत्ति एवं कोनार नदी में अवरोध के साथ-साथ डिजाइन में गड़बड़ी के कारण कार्य आरंभ में विलंब हुआ था. रेलवे की आपत्ति के बाद बोकारो डीसी द्वारा रेलवे लाइन के उपर से ओवरब्रिज के कार्य में एनओसी मिल गयी. फाइल रेलवे के हाजीपुर जोनल कार्यालय में विचाराधीन है.
उन्होंने संभावना व्यक्त की थी कि निर्माण काम तय समय सीमा पर पूरा हो जायेगा. परंतु संभावना महज संभावना ही बनकर रह गयी.
जल्द चालू किया जायेगा ओवरब्रिज का एक पार्ट
डीवीसी के स्थानीय प्रोजेक्ट हेड कमलेश कुमार ने कहा कि 134 करोड़ की लागत से बननेवाले ओवरब्रिज का निर्माण में रेलवे के ओवरहेड तार को पार करने के लिए रेलवे का परमिशन लेना है. परमिशन को लेकर विलंब हुआ.
लेकिन इसके पूर्व ओवरब्रिज का एक पार्ट जो रेलवे गेट तक आता है, उसका उदघाटन 15 अगस्त को कर देना था परंतु बारिश की वजह से काम पूरा नहीं हो पाया है. कहा कि जल्द ही इसे चालू कर दिया जायेगा जिससे पुराने मार्ग को बंद कर नये प्लांट के निर्माण कार्य को जल्द पूरा किया जा सके.
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