बुलंदशहर हिंसा: 7 आरोपी जमानत पर छूटे, जेल से निकलने पर फूल-मालाओं से हुआ स्वागत, सेल्फी ली, जय श्री राम के नारे लगे

New Delhi: पिछले साल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के सात आरोपी हाइकोर्ट के एक आदेश के बाद शनिवार को जमानत पर रिहा हो गये. जब वे जेल से बाहर आये तो जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के बीच उनका भव्य स्वागत किया गया. जेल से बाहर आये आरोपियों के साथ लोगों ने फूलों की माला पहनायी और उनके साथ सेल्फी ली. सातों आरोपियों के नाम राजीव, रोहित, राघव, शिखर अग्रवाल, जितेंद्र मलिक, राजकुमार और सौरव हैं. इन पर 3 दिसंबर को गोहत्या के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हत्या के प्रयास, दंगा औऱ आगजनी करने के आरोपी हैं.
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क्या है मामला
पिछले साल दिसंबर महीने में स्याना के चिंगरावटी गांव में गोकशी की अफवाह के बाद इलाके में हिंसा भड़क गयी थी. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. पूरा गांव आगजनी और बवाल की भेंट चढ़ गया था. इसमें एक अन्य युवक की भी मौत हो गयी थी. लोगों ने सरकारी वाहन और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने 38 लोगों को गिरफ्तार किया था. 38 में से 7 आरोपी जमानत पर रिहा होकर शनिवार को बाहर निकले. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआइटी का गठन करते हुए इस मामले के जांच के आदेश दिये थे. जिसमें 5 लोगों पर इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या का आरोप लगा था साथ ही 33 लोगों पर हिंसा और आगजनी उकसाने के आरोप लगाये थे. जिनमें शिखर अग्रवार और उपेंद्र राघव का नाम शामिल है.
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वीडियो हुआ वायरल
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के स्थानीय युवा मोर्चा के प्रमुख शिखर अग्रवाल का जेल के बाहर फूल-माला पहना कर स्वागत किया गया. साथ जय श्री राम के नारे लगाये गये. इस दौरान लोगों ने वीडियो बनाये और सेल्फी भी ली. सोशल मीडिया पर सामने आये वीडियो में अग्रवाल और अन्य आरोपियों का फूल और माला पहना कर स्वागत किया गया. इस दौरान भारत माता की जय, वन्दे मातरम और जय श्री राम के नारे लगाये गये. वीडियो में जेल परिसर छोड़ते हुए आरोपियों को भीड़ गले भी लगा रही है.
घटना की जांच करने के लिए बनायी गयी विशेष जांच टीम के प्रमुख राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा, हम माननीय हाइकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. प्रक्रिया के अनुसार, जांच को प्रभावित न करने जैसी शर्तों पर आरोपियों को जमानत दी गयी है. अगर वे ऐसी शर्त का उल्लंघन करते पाये जायेंगे तो हम उनकी जमानत खारिज करने की याचिका दाखिल करेंगे. सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले के पांच आरोपियों को जमानत नहीं मिली है.
पुलिस के अनुसार, बचाव पक्ष के वकीलों ने दलील पेश की कि आरोपियों का कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और अगर उन्हें जमानत मिल जाती है तो वे कोई अपराध नहीं करेंगे.
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