- जेपीएससी सचिव का फूंका पुतला
- जेपीएससी प्रश्नपत्र की दलाली बंद करो जैसे लगे नारे
Ranchi : छठी जेपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर रविवार को अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया. शाम चार बजे रांची विश्वविद्यालय से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक मार्च किया. अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचकर सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने अपने एडमिट कार्ड जलाये. साथ ही, जेपीएससी सचिव का पुतला भी फूंका. मुख्य परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर जेपीएससी पीटी पास अभ्यर्थी जेपीएससी कार्यालय के पास पिछले एक सप्ताह से जमा होकर विरोध कर रहे हैं. छठी जेपीएससी मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से लेकर एक फरवरी तक होनी है. इस परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी और कांग्रेस के सुखदेव भगत भी विधानसभा में अपनी बात रख चुके हैं. विरोध कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर 16 महीने पहले जो आरक्षण को लेकर आंदोलन हुआ था, आज भी मामला वहीं फंसा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि जेपीएससी प्रश्नपत्र की दलाली कर रहा है.
जेपीएससी ने बाहरी छात्रों को बचाने के लिए बढ़ाया रिजल्ट
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि छठी जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में पहली बार 5200 छात्रों को पास किया गया था, दूसरी बार लगभग 1000 रिजल्ट इसलिए अतिरिक्त जोड़ा गया, क्योंकि बाहरी छात्र रिजल्ट से बाहर हो गये थे, उन्हें बचाना था. छात्रों ने बताया कि जिस मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा था, उस मुद्दे पर सड़क से लेकर सदन तक में जोरदार हंगामा किया गया था. जेपीएससी को लेकर पिछली बार विधानसभा भी बाधित रही थी. इसके बाद सरकार ने मंत्री अमर बाउरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एक उच्चस्तरीय कमिटी का गठन किया था. कमिटी ने विभिन्न राज्यों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी. उस कमिटी द्वारा दी गयी रिपोर्ट को भी सरकार ने दरकिनार कर दिया. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट अभ्यर्थियों के पक्ष में थी, जिसे दबा दिया गया और कोर्ट को गुमराह कर रिजल्ट जारी कर 34 हजार को पास कर दिया गया.
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें
- छठी जेपीएससी मुख्य परीक्षा को तत्काल रोका जाये.
- आरक्षण नियमावली का पालन करते हुए 15 गुणा कोटिवार संशोधित रिजल्ट पुनः जारी किया जाये.
- जेपीएससी सचिव को बर्खास्त किया जाये.
- किसी भी कीमत पर नियम के विरुद्ध 34 हजार रिजल्ट को नहीं माना जायेगा, क्योंकि इतना रिजल्ट कहीं न कहीं गलत दिशा की ओर इंगित करता है.
- यूपीएससी और अन्य राज्यों की तर्ज पर जेपीएससी में भी सभी चरणों पर आरक्षण दिया जाये.
- जेपीएससी सचिव के पुत्र भी पीटी परीक्षा में पास हैं, इसके बावजूद सचिव मुख्य परीक्षा से संबंधित अनेकों काम निपटा रहे हैं.
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