बैंक लूट गिरोह के सरगना जब्बार को दुमका पुलिस ने किया गिरफ्तार, 20 लूटकांडों में स्वीकारी अपनी संलिप्तता

Dumka: बैंक लूटने वाले गिरोह के सरगना जब्बार को दुमका पुलिस ने किया गिरफ्तार कर लिया है. जब्बार ने पुलिस के समक्ष 20 बैंक लूट में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.
दुमका के पंजाब नेशनल बैंक में हुई 31 लाख रुपये की डकैती की जांच के दौरान पुलिस ने बंगाल, बिहार, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के बैंकों में डाका डालने वाले अंतरराज्यीय लुटेरों के गिरोह का खुलासा किया.
दुमका एसपी ने बताया कि हजारीबाग जिला के बरही का रहने वाला नसीम खान उर्फ जब्बार इस गिरोह का सरगना था. पुलिस ने उसे दुमका के पुसारो से गिरफ्तार किया.
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20 बैंक लूट में अपनी संलिप्तता की स्वीकार
गिरफ्तार नसीम खान उर्फ जब्बार ने अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम भी बताये हैं. जिनकी धर-पकड़ के लिए पुलिस जुटी हुई है. एसपी ने बताया कि नसीम खान उर्फ जब्बार इन दिनों गुड़गांव में रह रहा था.
जब भी किसी शहर में डकैती की योजना बनती थी, वह उस स्थान पर पहुंच जाता था. इस बार भी वह किसी बैंक में लूटपाट के इरादे से यहां आया था. वह रेकी में लगा ही था कि इससे पहले पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर किया. पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ के करीब 20 बैंकों में उसने डाका डाले हैं.
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कई राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना था जब्बार
नसीम खान उर्फ जब्बार से पूछताछ के लिए बिहार, झारखंड और बंगाल पुलिस की टीमें दुमका पहुंच चुकी हैं. एसपी ने बताया कि जब्बार ने स्वीकार किया कि उसने अब तक तीन से चार करोड़ रुपये बैंकों से लूटे हैं. वह कभी माधव गैंग का सदस्य था.
पुरुलिया में पीएनबी से 84 लाख रुपये लूटे थे. इस लूट के बाद हिस्सेदारी को लेकर विवाद हुआ और उसने खुद को माधव गैंग से अलग कर लिया. इसके बाद उसने अपना गिरोह बनाया और कई बैंकों में डाका डाला.
जिस वक्त उसे गिरफ्तार किया गया, उसके पास से देसी कट्टा और जिंदा कारतूस बरामद किये गये. पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ डेढ़ दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं. पुलिस के लिए काफी वक्त से सिरदर्द बना हुआ था जब्बार. लगातार पुलिस उसकी खोज में जुटी थी.
गौरतलब है कि एसपी ने बताया कि पीएनबी में डाका डालने के सिलसिले में गिरफ्तार कन्हैया यादव और सरोज यादव फिलहाल भागलपुर जेल में बंद हैं. सभी मामलों को सुलझाने के लिए पुलिस इन दोनों को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन देगी.
कन्हैया और सरोज से पूछताछ में पुलिस को गिरोह से जुड़ी और कई अहम जानकारियां मिल सकती है, जिससे बैंक लूटने वाले गिरोहों के खात्मे में मदद मिलेगी.