New Delhi : शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह एग्जिट पोल और 23 मई को आम चुनावों के नतीजों से तय होगी. इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण कंपनियों के वित्तीय नतीजों का भी बाजार पर असर पड़ सकता है. विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव संबंधी घटनाक्रमों से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है.
एग्जिट पोल के परिणाम 19 मई को आखिरी चरण का मतदान संपन्न होने के साथ आने लगेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि अंतिम चुनाव नतीजों तक शेयर बाजार का रुख असमंजस वाला रह सकता है.
लोगों की निगाह ‘स्टॉक कोट’ नहीं ‘वोट कोट’ पर रहेगी
एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि इस सप्ताह एक ऐसा घटनाक्रम है जो दीर्घावधि के लिए बाजार का रुख तय करेगा. इसी से संपत्ति सृजन का रुख तय होगा. चुनाव नतीजे इस तरह के राजनीतिक घटनाक्रम होते हैं जो वर्षों के लिए रुख तय करते हैं.
ऐसे में यह अर्थव्यवस्था और निवेशकों की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बाजार में कुछ अधिक उतार-चढ़ाव रह सकता है लेकिन एग्जिट पोल से बाजार को निर्णय करने में कुछ आसानी हो सकती है.
सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा कि यह सप्ताह पूरे साल का सबसे महत्वपूर्ण है. लोगों की निगाह ‘स्टॉक कोट’ नहीं ‘वोट कोट’ पर रहेगी.
सप्ताह के दौरान कुछ बड़ी कंपनियों मसलन टाटा मोटर्स, केनरा बैंक और सिप्ला के नतीजे आने हैं. ऐसे में तिमाही नतीजे भी बाजार की दिशा तय करेंगे. इसके अलावा कच्चे तेल के दाम, अमेरिका-चीन व्यापार विवाद, रुपये का उतार-चढ़ाव तथा विदेशी कोषों का रुख भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा.
बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 467.78 अंक या 1.24 प्रतिशत चढ़ा. शुक्रवार को सेंसेक्स 537.29 अंक या 1.44 प्रतिशत के लाभ से 37,930.77 अंक पर पहुंच गया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 150.05 अंक या 1.33 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,407.15 अंक पर बंद हुआ.
New Delhi : शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह एग्जिट पोल और 23 मई को आम चुनावों के नतीजों से तय होगी. इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण कंपनियों के वित्तीय नतीजों का भी बाजार पर असर पड़ सकता है. विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव संबंधी घटनाक्रमों से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है.
एग्जिट पोल के परिणाम 19 मई को आखिरी चरण का मतदान संपन्न होने के साथ आने लगेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि अंतिम चुनाव नतीजों तक शेयर बाजार का रुख असमंजस वाला रह सकता है.
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लोगों की निगाह ‘स्टॉक कोट’ नहीं ‘वोट कोट’ पर रहेगी
एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि इस सप्ताह एक ऐसा घटनाक्रम है जो दीर्घावधि के लिए बाजार का रुख तय करेगा. इसी से संपत्ति सृजन का रुख तय होगा. चुनाव नतीजे इस तरह के राजनीतिक घटनाक्रम होते हैं जो वर्षों के लिए रुख तय करते हैं.
ऐसे में यह अर्थव्यवस्था और निवेशकों की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बाजार में कुछ अधिक उतार-चढ़ाव रह सकता है लेकिन एग्जिट पोल से बाजार को निर्णय करने में कुछ आसानी हो सकती है.
सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा कि यह सप्ताह पूरे साल का सबसे महत्वपूर्ण है. लोगों की निगाह ‘स्टॉक कोट’ नहीं ‘वोट कोट’ पर रहेगी.
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तिमाही नतीजे भी बाजार की दिशा तय करेंगे
सप्ताह के दौरान कुछ बड़ी कंपनियों मसलन टाटा मोटर्स, केनरा बैंक और सिप्ला के नतीजे आने हैं. ऐसे में तिमाही नतीजे भी बाजार की दिशा तय करेंगे. इसके अलावा कच्चे तेल के दाम, अमेरिका-चीन व्यापार विवाद, रुपये का उतार-चढ़ाव तथा विदेशी कोषों का रुख भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा.
बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 467.78 अंक या 1.24 प्रतिशत चढ़ा. शुक्रवार को सेंसेक्स 537.29 अंक या 1.44 प्रतिशत के लाभ से 37,930.77 अंक पर पहुंच गया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 150.05 अंक या 1.33 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,407.15 अंक पर बंद हुआ.