Ranchi: दुमका सेंट्रल जेल में बंद गैंगस्टर अनिल शर्मा के द्वारा जेल के अंदर से ही रंगदारी मांगने की बात सही पाये जाने के बाद अनिल शर्मा के खिलाफ दुमका जिला के नगर थाना में मामला दर्ज कराया गया है.
इस बात की पुष्टि दुमका एसपी ने की है. बता दें कि पिछले महीने गैंगस्टर अनिल शर्मा के द्वारा दुमका जेल से रंगदारी मांगने की बात को लेकर जेल प्रशासन और राज्य की दो जांच एजेंसी आमने-सामने हो गयी थीं.
सीआइडी और विशेष शाखा ने जहां अनिल शर्मा की गतिविधियों पर नजर रखते हुए रिपोर्ट की थी तो वहीं जेल प्रशासन ने अनिल शर्मा को इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी.
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जेल से रंगदारी मांगने की बात पायी गयी सही
मिली जानकारी के अनुसार राज्य की दो जांच एजेंसी सीआइडी और विशेष शाखा के द्वारा अनिल शर्मा के द्वारा जेल से रंगदारी मांगे जाने की बात की रिपोर्ट के बाद जेल प्रशासन ने शर्मा को क्लीन चिट दे दी थी.
इसके बाद मामले की टेक्निकल जांच के क्रम में अनिल शर्मा के द्वारा जेल से रंगदारी मांगे जाने की बात सही पायी गयी. जिसके बाद अनिल शर्मा के खिलाफ दुमका के नगर थाना में मामला दर्ज कराया गया है.
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राज्य की जांच एजेंसी और जेल प्रशासन थे आमने-सामने
दुमका सेंट्रल जेल में बंद गैंगस्टर अनिल शर्मा द्वारा जेल से मोबाइल पर कॉल कर कारोबारियों से रंगदारी मांगने के मामले में पिछले महीने पुलिस व जेल प्रशासन आमने-सामने हो गये थे.
एक तरफ जहां झारखंड पुलिस की दो जांच एजेंसी विशेष शाखा और सीआइडी ने अनिल शर्मा की गतिविधियों पर नजर रखते हुए रिपोर्ट की थी, वहीं जेल प्रशासन ने गैंगस्टर अनिल शर्मा को क्लीन चिट दे दिया था.
दोनों जांच एजेंसी ने अनिल शर्मा की गतिविधियों की रिपोर्ट की थी. जिसमें बताया गया था कि अनिल शर्मा दुमका जेल में बैठ कर रेलवे के ठेकों के लिए रंगदारी मांग रहा है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची पुलिस ने अनिल शर्मा के गुर्गे डबलू शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था.
पूरे मामले में दुमका जेल प्रशासन ने एक जांच कर रिपोर्ट दुमका एसपी व गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को भेजी थी, जिसमें अनिल शर्मा को जेल प्रशासन ने क्लीन चिट दे दिया था.
अपनी रिपोर्ट में जेल प्रशासन ने लिखा था कि अनिल शर्मा को सुरक्षा कारणों से 23 जुलाई 2017 को हजारीबाग से दुमका कारा लाया गया था, यहां उसे कारा प्रकोष्ठ में रखा गया है.
कारा प्रकोष्ट में विशेष चौकसी होती है. इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी लिखा था कि कारा के बूथ से अनिल शर्मा अपने परिजनों से घरेलू बातचीत भर करता है.
इसकी रिकार्डिंग भी सुनी जा सकती है. इस रिकार्डिंग में धमकी दिये जाने संबंधी कोई बात नहीं है. जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जब इस संबंध में अनिल शर्मा से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि उसके असमय कारा मुक्ति का मामला हाइकोर्ट एवं राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद के समक्ष है. ऐसे में वह कोई गलती नहीं कर सकता.
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