आधी आबादी असुरक्षित ! अप्रैल में राज्य में दुष्कर्म की 176 घटनाएं, साहेबगंज में सबसे अधिक 48 रेप

Saurav Singh
Ranchi: झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा सवालों के घेरे में है. आधी आबादी की सुरक्षा के नाम पर झारखंड पुलिस और सरकार बड़े-बड़े दावे तो जरूर करती है. लेकिन जमीनी हकीकत, महिलाओं के साथ होते अपराध के आंकड़े बयां कर रहे हैं.
झारखंड में पिछले एक महीने के दौरान दुष्कर्म की 176 घटनाएं हुई हैं. जिसमें साहेबगंज जिला दुष्कर्म के मामले में सबसे आगे है. साहेबगंज में पिछले एक महीने में रेप की 48 घटनाएं सामने आयी है.
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अप्रैल महीने में दुष्कर्म की सबसे अधिक वारदात
साल 2019 के अबतक के आंकड़ों में झारखंड में रेप की सबसे अधिक घटनाएं अप्रैल के महीने में हुई है. झारखंड पुलिस के आंकड़ें के अनुसार, राज्य में जहां पिछले चार महीने के दौरान दुष्कर्म की 516 घटनाएं हुई.
जिसमें जनवरी में 106, फरवरी में 120, मार्च में 114 और अप्रैल में सबसे अधिक 176 रेप हुए. मिली जानकारी के अनुसार, पिछले चार महीने के दौरान झारखंड में सबसे ज्यादा नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. छेड़खानी, अपहरण और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के कारण लड़कियां दहशत में हैं.
साहेबगंज में सबसे अधिक दुष्कर्म
झारखंड के साहेबगंज जिले में अप्रैल महीने के दौरान दुष्कर्म की घटनाएं राज्य में सबसे अधिक हुई है. अप्रैल में झारखंड में जहां 176 रेप की घटनाएं हुई, वहीं सबसे अधिक 48 दुष्कर्म सिर्फ साहेबगंज में हुए.
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इसे साफ जाहिर होता है कि अपराधियों के मन में पुलिस का जरा भी खौफ नहीं है. बेखौफ होकर अपराधी दुष्कर्म जैसे घिनौने अपराध को अंजाम दे रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की ओर से यह अवार्ड दुनिया भर के असाधारण युवाओं को दिया जाता है. इस वर्ष दुनिया भर में 10 युवाओं को इस अवार्ड से नवाजा गया है.
पिछले 4 सालों की तुलना में वर्ष 2019 में महिलाओं के खिलाफ बढ़ा अपराध
झारखंड पुलिस के क्राइम रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2015 में पूरे झारखंड में दुष्कर्म के 1053 मामले दर्ज किये गये. यानी 2015 में हर महीने 87.75% के अनुपात से दुष्कर्म की घटना हुई.
वहीं साल 2016 में राज्य में दुष्कर्म के 1109 मामले दर्ज किए गए. यानी हर महीने 92.41% के अनुपात से घटनाएं हुई. जो साल 2015 की तुलना में 4.66% ज्यादा है.
2017 में रेप की1251 घटनाएं दर्ज हुई. यानी हर माह 104.25% के अनुपात से दुष्कर्म की घटना हुई, जो साल 2016 की तुलना में 2017 में 12.11% की बढ़ोतरी हुई.
सबसे चौंकाने वाले आंकड़े तो साल 2018 के हैं. 2018 में दुष्कर्म की 1393 घटनाएं पूरे झारखंड में हुई. यानी 16.08 हर महीने का अनुपात रहा. 2017 की तुलना में 2018 में 11.83% दुष्कर्म की घटना में बढ़ोतरी हुई थी.
वहीं साल 2019 में अप्रैल तक 516 दुष्कर्म की घटनाएं पूरे झारखंड में हुई. यानी की 129% दुष्कर्म हर महीने का अनुपात रहा. साल 2018 की तुलना में 2019 में अप्रैल तक 12.92% दुष्कर्म की घटना में बढ़ोतरी हुई. जो कि पिछले 4 साल की तुलना में सबसे अधिक है.
आदिवासी लड़कियां और नाबालिग ज्यादा हो रही शिकार
रिपोर्ट के मुताबिक, सुदूर इलाकों में आदिवासी लड़कियां सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हो रही हैं. कई जगहों पर स्कूली छात्राओं के साथ गैंगरेप की घटनाएं सामने आयी है. दुष्कर्म के बाद लड़कियों की हत्या भी कर दी जा रही है.
आंकड़े कहते हैं कि दुष्कर्म जैसी हैवानियत की बच्चियां, नाबालिग लड़कियां ज्यादा शिकार हो रही हैं. पिछले 4 महीने के दौरान राज्य में हुई 516 दुष्कर्म की घटनाओं में ज्यादातर वारदात नाबालिग लड़कियों के साथ हुई. झारखंड के शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है.
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