सीएम के उद्घाटन के महज 12 घंटे के बाद ही बह गयी कोनार सिंचाई परियोजना

Ranchi/Bagodar: रघुवर दास की सरकार ने इस दावे के साथ कोनार सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया था कि जो काम 42 सालों में नहीं हुआ, वो महज पांच सालों में हो गया. निश्चित तौर पर सरकार ने इस काम के लिए सकारात्मक कदम उठाया था. लेकिन चुनाव के पहले आनन-फानन में उद्घाटन करने के चक्कर में अधूरी सिंचाई परियोजना का उद्घाटन कर दिया गया.
नतीजा यह रहा कि झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर में सिंचाई की बहुतप्रतीक्षित कोनार सिंचाई परियोजना उद्घाटन के लगभग 12 घंटे बाद ही बगोदर प्रखंड के खटेया गांव के पास बह गयी. परियोजना जब शुरू हुई थी, तो यह महज 11 करोड़ की थी. लेकिन पूरा करते-करते इसकी लागत 2200 करोड़ की हो गयी.
नहर टूटने का कारण यह बताया जा रहा है कि नहर में पानी लबालबा भरा था. तटबंध टूट जाने से दूर-दूर तक खेत पानी और मिट्टी से भर गये. बरवाडीह, घोसको, प्रतापुर समेत कई गांवों के किसानों को भारी नुकसान सहना पड़ेगा. घटना के बाद परियोजना के प्रबंधकों ने पानी रोका दिया है. जबकि जुलाई महीने में पानी छोड़ने का ट्रायल भी किया गया था.
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क्यों टूट गयी नहर

इस परियोजना के पूरा होने से झारखंड के तीन जिलों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने का दावा किया जा रहा था. यह तब हो पाता जब परियोजना पूरी तरह से तैयार हो जाती. रघुवर सरकार के उद्घाटन करने की जल्दबाजी की वजह से नहर तैयार होने के पहले ही उसका उद्घाटन कर दिया गया और नहर में पानी छोड़ दिया गया. जबकि पानी निकलने वाले गेट को आगे बंद रखा गया था.
दरअसल मेन नहर से चैनलों के जरिये किसानों तक पानी पहुंचाने वाले छोटे नहर अभी तैयार ही नहीं हुए हैं. इस वजह से मेन नहर पानी से लबालब भर गया. पानी ज्यादा होने की वजह से खटेया गांव के पास नहर टूट गयी और पूरे इलाके में पानी भर गया.
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जानिये नहर के बारे में
पहले दिन 60 किलोमीटर तक के लिए 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जबकि इसके पूर्ण हो जाने से 1700 क्यूसेक पानी छोड़ा जायेगा. अभी 60 किलोमीटर का ही काम पूरा हुआ है. परियोजना की शुरुआत 42 साल पहले हुई थी. 1977 में इस परियोजना की लागत 11.43 करोड़ थी, जो 2017 में बढ़कर 2176 .25 करोड़ हो गया. टनल और मुख्य नहर का काम पूरा हो चुका है.
साल 2021 तक पूर्ण रूप से पानी छोड़े जाने का लक्ष्य रखा गया है. कोनार सिंचाई परियोजना से हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो के 85 गांवों में 62 हजार 895 हेक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है.
परियोजना से विष्णु गढ़ के 19, बगोदर के 35, डुमरी के 22, सरिया के 6 और नवाडीह के 3 गांवों के कुल 62 हजार 895 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी. यह राज्य की पहली सिंचाई योजना है, जिसके लिए 6 किमी की सुरंग बनायी गयी है.
परियोजना के लिए कई तरह के झूठ बोले गएः विनोद सिंह (पूर्व विधायक)
नहर टूटने के बाद न्यूज विंग से बात करते हुए बगोदर के पूर्व विधायक विनोद सिंह ने बताया कि परियोजना की लागत 11 करोड़ से 2200 करोड़ पहुंच गयी. परियोजना का काम पूरा हुआ भी नहीं था और उद्घाटन कर दिया गया. ऐसी क्या आफत मची थी कि बिना चैनल नगर के मेन नगर में पानी छोड़ा गया.
साथ ही विधायक ने कहा कि अभी काम एक चौथाई भी पूरा नहीं हुआ है और उद्घाटन कर दिया गया. परियोजना किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार की गयी थी. लेकिन उल्टा किसानों को घाटा हो गया.
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