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मोदी के मन की बात, अब मई में करूंगा बात, सत्ता में वापसी का है विश्वास

NewDelhi :  पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में इशारों-इशारों में जता दिया कि वह फिर सत्ता में वापसी कर रहे हैं.  मन की बात के 53वें संस्करण में मोदी ने कहा कि अब मई माह के आखिरी सप्ताह में चुनाव के पश्चात बात होगी. पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कहा कि मार्च, अप्रैल और मई की भावनाओं को तब ही व्यक्त करूंगा. चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है. अगले दो महीनों में, हम आम चुनावों में व्यस्त रहेंगे. मैं भी उम्मीदवार होऊंगा. स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करते हुए, मन की बात का अगला संस्करण मई के अंतिम रविवार (26 मई) को प्रसारित होगा. बता दें कि विपक्षी दल चुनाव के दौरान मन की बात के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग करते रहे हैं.  उनका कहना है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है क्योंकि इस संवाद से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरूपयोग होता है. सत्ता में वापसी का विश्वास जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके आशीर्वाद की ताकत से वह मई से कार्यक्रम के तहत संवाद की श्रृंखला शुरू करेंगे और मन की बात के माध्यम से लोगों के साथ आने वाले वर्षों में बातचीत करेंगे.

 मोदी ने पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि के साथ संबोधन शुरू किया

पूर्व पीएम मोदी ने पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि के साथ संबोधन शुरू किया. पीएम ने कहा, हमारे सशस्त्र बल हमेशा पराक्रम और अद्वितीय साहस का परिचय देते हैं. उन्होंने शांति की स्थापना भी की है और हमलावरों को उनकी ही भाषा में परिचय भी दिया है. सेना ने आतंकियों और उनके मददगारों के समूल नाश का संकल्प ले लिया है.  पीएम मोदी ने कहा कि शहीदों के परिजनों की भावनाओं ने देश को बल दिया है.  उन्होंने कहा कि भागलपुर के रतन ठाकुर के पिता ने जो कहा है, वह देश को संबल देता है. ओडिशा के जगदलपुर के शहीद की पत्नी के अदम्य साहस को देश सलाह कर रहा है.  विजय सोरेंग का पार्थिव शरीर जब गुमला पहुंचा तो मासूम बेटे ने कहा कि मैं भी फौज में जाऊंगा.  ऐसे ही भावनाएं शहीदों के सभी घरों में देखने को मिल रही हैं.  शहीदों के हर परिवार की कहानी प्रेरणा से भरी हुई.  मैं लोगों से कहना चाहूंगा कि इन परिवारों की भावनाओं से समझें कि देशभक्ति और उसकी भावना क्या होती है.  ये हमारे सामने देशभक्ति का जीता-जागता उदाहरण है.

वॉर मेमोरियल का इंतजार खत्म होने जा रहा है

इस क्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आजादी से इतने लंबे समय तक हमें जिस वॉर मेमोरियल का इंतजार था, वह अब खत्म होने जा रहा है.  कल हम इसे देश को समर्पित करेंगे.  दिल्ली के दिल यानी वो जगह जहां इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति मौजूद है, उसके ठीक सामने इसे बनाया गया है.  राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों के लिए स्मान का प्रतीक है.  पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्मारक में चार सर्किल हैं.  अमर चक्र, वीरता च्रक, त्याग चक्र और रक्षक चक्र.  उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक स्मारक की पहचान एक ऐसे स्थान के रूप में बनेगी, जहां लोग सैनिकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने आयेंगे. ऐसे सैनिकों के बलिदान और शौर्य की कहानी है, जिन्होंने हमारे जिंदा रहने के लिए अपना बलिदान कर दिया.

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