Ranchi: नये ट्रैफिक नियम की हर ओर चर्चा है. भारी भरकम फाइन की राशि से हर आम व खास परेशान हैं. जाहिर है, चालान की भारी राशि से बचने के लिए लोग अपने गाड़ी के पेपर अपडेट करने में जुटे हैं. फिर चाहे वो ड्राइविंग लाइसेंस हो, गाड़ी का इंश्योरेंस या फिर पीयूसी (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट.
डीएल बनवाना हो या वाहन प्रदूषण जांच केंद्र से गाड़ी के लिए सर्टिफिकेट लेना, हर जगर लोगों की लम्बी कतार हैं. और घंटों लाइन में लगकर लोग अपने पेपर बनवा रहे हैं.
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ऐसा ही कुछ नजारा कडरू स्थित भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप पर भी देखने को मिल रहा है. जहां के वाहन प्रदूषण जांच केंद्र में लोगों की लम्बी कतार है.
लेकिन इस दौरान झारखंड पुलिस के एक कर्मी अपनी वर्दी का रौब दिखाना नहीं भूल. लोग जहां घंटों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. वहीं इस पुलिस वाले का नबंर 90 था.लेकिन उन्होंने पहले सर्टिफिकेट बनवा लिया.
दरअसल, लोग अपनी गाड़ी का नबंर लगाकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं. जिसमें इस खाकी वाले साहब का नबंर 90वां था.
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लेकिन पुलिस कर्मी ने अपनी वर्दी का रौब दिखाते हुए पहले ही पीयूसी (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट बनवा लिया और चलते बने. जबकि बाकी लोग कतार में खड़े अपनी बारी का इंतजार ही कर रहे हैं.
अब सवाल ये उठता है कि जिन लोगों पर विधि-व्यवस्था को बनाये रखने की जिम्मेवारी है, वहीं अगर इस तरह की मनमानी करेंगे तो आम आदमी कहां जायेगा.
एक ओर पुलिस, सरकारी अधिकारी से दोगुना फाइन वसूलने का प्रावधान कर सरकार उन्हें उनकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाना चाहती है, वहीं एक पुलिस कर्मी का ऐसा व्यवहार कहीं से उचित नहीं है.
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