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#ODF Gumla का सच : इंजीनियर के फर्जी हस्ताक्षर से निकले 1.16 करोड़, इससे बनने थे 928 शौचालय

Ranchi/Gumla : गुमला जिले में जल एवं स्वच्छता अभियान के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है.

जिले के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के फर्जी हस्ताक्षर से विभिन्न समय में तीन अनुबंधकर्मियों ने 1 करोड़ 16 लाख 52 हजार रुपये को विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिया है.

सरकार एक शौचालय बनाने के लिए 12500 रुपये देती है. इस तरह 1.16 करोड़ रुपये से 928 शौचालय बनने थे लेकिन 928 शौचालय बने ही नहीं और जिला प्रशासन ने गुमला को ओडीएफ घोषित कर दिया.

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फर्जी हस्ताक्षर का सहारा लिया

बैंक ऑफ इंडिया की गुमला शाखा के जिला जल एंव स्वच्छता समिति के खाता संख्या 4913010063796 से फर्जी हस्ताक्षर के जरिये पैसे ट्रांसफर किये गये हैं.

जिला जल एवं स्वच्छता समिति के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर चंदन कुमार ने यह आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि उनके फर्जी हस्ताक्षर से उज्जवल स्वरूप होता, निशांत पांडेय (अब दिवंगत) और धीरज कुमार की संलिप्तता है.

तीन बार फर्जी हस्ताक्षर के जरिये पैसे ट्रांसफर किये गये हैं, जिसमें पहली बार उज्जवल कुमार होता के साथ धीरज कुमार साथ थे. अन्य दो बार उज्जवल कुमार होता के साथ निशांत पांडेय थे.

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लेखाकार के जरिये मिली निकासी की जानकारी

खाते से पैसे की निकासी की सूचना उन्हें (चंदन कुमार) 4 सितंबर को लेखाकार उर्मिला बड़ाइक के जरिये मिली.

इसके बाद बैंक के सहयोग से सीसीटीवी और बैंक में जमा एडवाइज के जरिये मामले में संलिप्त अनुबंधकर्मियों का पता चला.

बैंक से प्राप्त रिकॉर्ड में 31 मई 2019 को फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ एडवाइज 1 जून 2019 को बैंक में जमा हुआ था. 11 जून का हस्ताक्षर किया हुआ एडवाइज 12 जून को बैंक में जमा किया गया था.

18 जून का फर्जी हस्ताक्षर क्या हुआ एडवाइज 19 जून को बैंक में जमा किया गया था.

इसी को आधार बनाते हुए उज्जवल स्वरूप होता और धीरज कुमार राय की संलिप्तता जाहिर की गयी है, साथ ही कार्रवाई की मांग की है.

सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने का अनुरोध

मामले की स्पष्टता के लिए बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा के शाखा प्रबंधक से जिला जल एवं स्वच्छता समिति मिशन, गुमला के खातों को फ्रीज करने का अनुरोध किया गया है.

इसके अलावा फर्जी हस्ताक्षर से पीएफएमएस से संबंधित एडवाइस के बैंक में सबमिशन की तिथि से सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया गया है.

हालांकि शाखा प्रबंधक ने कहा है कि वह सीसीटीवी फुटेज सिर्फ पुलिस को देंगे.

किस-किस तारीख को किसने फर्जी हस्ताक्षर वाला एडवाइस बैंक में जमा किया

    • 31 मई 2019 को फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ एडवाइज 1 जून 2019 को जमा किया गया जिसमें उज्जवल स्वरूप होता और धीरज कुमार राय की संलिप्तता की बात कही गयी है.

 

    • 12 जून 2019 को 11:00 बजे उज्जवल स्वरूप होता और निशांत कुमार पांडे 11:03 में सबमिट करते देखे गये. 11 जून 2019 को फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ एडवाइस 12 जून 2019 को बैंक में जमा हुआ था जिस का रिकॉर्ड है. इसमें उज्जवल स्वरूप होता और स्वर्गीय निशांत कुमार पांडे की संलिप्तता की बात कही गयी है.

 

  • सीसीटीवी फुटेज के अनुसार 19 जून 2019 को दोपहर 12:05 बजे उज्जवल स्वरूप होता और निशांत कुमार पांडे बैंक के अंदर गये थे और 12:09 में एडवाइज सबमिट करते देखे गये. 18 जून 2019 का फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ एडवाइज 19 जून 2019 को बैंक में जमा हुआ था. इसमें उज्जवल स्वरूप होता और स्वर्गीय निशांत कुमार पांडे की संलिप्तता की बात कही गयी है.

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