पलामू : बकोरिया में बच्ची की पटककर हत्या के मामले में CRPF व मनिका पुलिस पर FIR
फर्जी मुठभेड़ के लिए चर्चित बकोरिया अब बच्ची की हत्या को लेकर चर्चा में

Dilip Kumar
Palamu : 2015 के कथित फर्जी पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के लिए चर्चित बकोरिया में गत शुक्रवार की रात (जन्माष्टमी के दिन) तीन वर्षीया बच्ची विनीता कुमारी की पटक कर हत्या कर दी गयी. हत्या का आरोप सीआरपीएफ और मनिका पुलिस पर लगा है. इस सिलसिले में रविवार को बच्ची की मां के बयान पर सीआरपीएफ और मनिका पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज की गयी.
दूसरी ओर, घटना के 30 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पलामू पुलिस स्पष्ट नहीं कर पायी है कि बच्ची की मौत आखिर किन कारणों से हुई? हालांकि मामले में मजिस्ट्रेट जांच तेज की गयी है. डीआइजी विपुल शुक्ला ने बताया कि मामले में जांच तेज की गयी है. पलामू के एसपी अजय लिंडा और डीएसपी शंभू सिंह घटनास्थल पर रविवार भी जांच के लिए गये थे. दोनों वहां कैंप कर रहे हैं. जल्द मामले का खुलासा होगा.
वेंटिलेटर से घुसने के मामले में पुलिस है कन्फ्यूजन में
डीआइजी ने कहा कि बच्ची की मां बबीता देवी ने घर में घुसने के जो लोकेशन बताये हैं, उसमें काफी कन्फ्यूजन है. मनिका पुलिस बताकर सीआरपीएफ जवानों द्वारा दरवाजा खोलवाने का प्रयास करना और फिर दरवाजा नहीं खोले जाने पर वेंटिलेटर से घर में घुस जाना और फिर बच्ची को पटक कर हत्या कर देने का मामला समझ से परे लगता है.
डीएसपी शंभू सिंह ने बताया कि घटनास्थल का जायजा लिया. वहां देखा गया कि वेंटिलेटर का साइज काफी छोटा है. एक फीट बाइ डेढ़ फीट के खिड़कीनुमा वेंटिलेटर से किसी सीआरपीएफ जवान का घर के अंदर जाना असंभव लगता है.
ऊपर से यह बताना कि जवान के पास बंदूक थीं, उसके पास फाइलें थीं, हास्यास्पद लगता है. बावजूद घटना के हर पहलू पर जांच की जा रही है.
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घुसने पर वेंटिलेटर की स्थिति होती अलग
डीएसपी शंभू सिंह ने कहा कि जांच के दौरान यह भी देखने की कोशिश की गयी कि अगर कोई जवान वेंटिलेटर से घुसकर अंदर जाता है तो उसके जाने-आने में वेंटिलेटर के आस-पास की गंदगी हटती है, लेकिन ऐसा कुछ वहां देखने को नहीं मिला. धूल पसरी हुई थी और जाला भी लगा हुआ था. कबूतरों का वहां बसेरा था. ऐसे में मामला संदेहास्पद लगता है.
बच्ची की मां के बयान पर दर्ज की गयी है प्राथमिकी : थाना प्रभारी
सतबरवा के थाना प्रभारी रूपेश कुमार दुबे ने बताया कि विनोद सिंह की पत्नी बबीता देवी के आवेदन के आधार पर सर्च ऑपरेशन में शामिल मनिका पुलिस और सीआरपीएफ जवान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
सतबरवा के पुलिस इंस्पेक्टर प्रमोद रंजन ने कहा कि मृत बच्ची का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट व परिजनों के बयान के आधार पर जांच की जा रही है. पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है कि आखिर किन परिस्थितियों में बिना सतबरवा थाना को सूचना दिये बाहरी पुलिस गांव में घुसी.
अभी कहना जल्दबाजी होगी कि पुलिस ही वहां गयी है. उन्होंने कहा कि मृतका के पिता विनोद सिंह पर कोई आपराधिक मामला सतबरवा थाना में दर्ज नहीं है. मनिका थाना में मामला दर्ज है या नहीं, जांच के बाद सबकुछ स्पष्ट हो पाएगा.
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दंडाधिकारी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड ने किया बच्ची का पोस्टमार्टम
बच्ची के शव का पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड के द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गहरे जख्म और चोट के निशान हैं.
पोस्टमॉर्टम के दौरान मेडिकल टीम ने पाया कि तीन साल की बच्ची के शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे. बच्ची के सिर के आगे और पिछले हिस्से में गंभीर चोट थी, जबकि शरीर के पिछले हिस्से में काफी चोट है.
मटलोंग के मनोज भुइयां के साथ हुआ था विवाद
मृत बच्ची की मां बबीता देवी ने बताया कि 21 अगस्त को प्रेम-प्रसंग के मामले में पंचायत हुई थी. इस दौरान मेरे पति विनोद सिंह और मटलोंग मनिका निवासी मनोज भुइयां के परिजनों के बीच तू-तू मैं-मैं हुई थी.
मनोज भुइयां को लड़की पक्ष के लोगों ने आठ दिन से घर में रखा था. इस दौरान मनोज के रिश्ते का भाई भी था. 23 अगस्त को मनोज का भाई घर वापस चला गया और इसी दिन रात में यह घटना घटी. उन्होंने बताया कि मनोज के दो मौसेरे भाई सीआरपीएफ में हैं.
जेजेएमपी ने झाड़ा पल्ला, जारी की विज्ञप्ति


इस बीच रविवार को उग्रवादी संगठन जेजेएमपी ने घटना को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. जेजेएमपी के कर्मवीर ने कहा है कि घटना की स्पष्ट और उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. पुलिस जिस विनोद सिंह को जेजेएमपी का सदस्य या कैडर बताकर उसे गिरफ्तार करने उसके घर पर गयी थी, वह जेजेएमपी से जुड़ा हुआ नहीं है. उसका संगठन से कोई लेना-देना नहीं है.
जेजेएमपी का कहना है कि संगठन के नाम पर लोगों को तंग किया जा रहा है. लोगों की सुरक्षा देने की दुहाई देने वाली पुलिस अब लोगों की हत्या करने पर तुल गयी है.
अबतक क्यों नहीं हुई विनोद की गिरफ्तारी?
यहां यह गौर करने लायक प्रश्न है कि अब तक विनोद सिंह की गिफ्तारी क्यों नहीं हुई है? विनोद सिंह अगर जेजेएमपी का उग्रवादी या कैडर था और उसे गिरफ्तार करने के लिए मनिका पुलिस और सीआरपीएफ शुक्रवार की रात उसके घर गयी थी तो उसे अबतक क्यों छोड़ा गया है?
बच्ची के शव लेकर विनोद सिंह पोस्टमॉर्टम कराने के लिए मेदिनीनगर सदर अस्पताल आया. दो बार पलामू के एसपी, डीएसपी, सतबरवा थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की छानबीन कर चुके हैं. अगर सचमुच विनोद सिंह जेजेएमपी का उग्रवादी है तो उसे गिरफ्तार करना लेना चाहिए था?
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