#Maharashtra में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश, अनुशंसा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण में शिवसेना

New Delhi: महाराष्ट्र में सरकार बनाने की तमाम उठापटक, दांव-पेंच के बीच केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है. गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को राज्य में चुनाव हुए थे, और 24 को नतीजे आये.
लेकिन उसके बाद सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना आपस में तालमेल नहीं बिठा पायी. और दोनों पार्टियों के सरकार बनाने के चांस खत्म होने के बाद राज्यपाल ने एनसीपी को मौका दिया था. मंगलवार रात साढ़े 8 बजे तक सरकार बनाने का समय है.
Shiv Sena files petition in Supreme Court challenging Maharashtra Governor’s decision to not extend the time given to the party to prove their ability to form government. Advocate Sunil Fernandez has filed the plea for Shiv Sena. pic.twitter.com/vVbZqCdtH5
— ANI (@ANI) November 12, 2019
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लेकिन खबर है कि उससे पहले ही मोदी कैबिनेट की बैठक हुई और महाराष्ट्र में सरकार नहीं बन पाने की स्थिति पर चर्चा होने के बाद राष्ट्रपति शासन पर फैसला ले लिया है और राष्ट्रपति को सिफारिश भेज दी है. इस बीच शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
राज्यपाल ने की राष्ट्रपति शासन की सिफारिश
बताया जा रहा है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यरी ने एनसीपी को मंगलवार शाम साढ़े आठ बजे तक सरकार बनाने को लेकर वक्त दिया था. लेकिन एनसीपी की ओर से राज्यपाल को सुबह साढ़े 11 बजे चिट्ठी लिखी गयी थी.
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हर दिन हम पढ़ते हैं कि लड़कियों से दुष्कर्म हो रहा है, उनसे छेड़छाड़ की जा रही है. अल्पसंख्यक और दलित समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामले भी बढ़े है.
जिसमें सरकार बनाने के लिए तीन दिन के और वक्त की मांग की गयी थी. लेकिन राज्यपाल ने और वक्त देने से इनकार कर दिया है.
और तमाम हालात को देखते हुए राज्यपाल ने राष्ट्रपति से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है. संविधान के मुंताबिक राज्य में सरकार बनाने के आसार नहीं दिखने की बात करते हुए राजभवन की ओर से महाराष्ट्र में धारा 356 लागू करने की सिफारिश की है.
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सुप्रीम कोर्ट की शरण में शिवसेना
इधर पूरे मामले को लेकर शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. राष्ट्रपति शासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. शिवसेना ने इस बात पर ऐतराज जताया है कि बीजेपी को सरकार गठन की कोशिशों के लिए 48 घंटे मिले, लेकिन उन्हें महज 24 घंटे. शिवसेना का कहना है कि एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन लेने के लिए ही राज्यपाल से तीन दिन का वक्त मांगा था. लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया.
पीएम के ब्राजील रवाना होने से पहले कैबिनेट मीटिंग
प्रधानमंत्री ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील रवाना होने से पहले केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग बुलायी गयी थी.
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई और प्रदेश में केंद्रीय शासन लगाने का राष्ट्रपति से अनुरोध करने का निर्णय किया गया.
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