SPM यूनिवर्सिटी का बदला माहौल ! खाली पड़ी वीसी ऑफिस की कुर्सियां, बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
जहां लगता था पहले मजमा वहां अब घंटों खाली रहती हैं कुर्सियां !

Ranchi: श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी का माहौल इनदिनों बदला-बदला सा दिखता है. वीसी डॉ एसएन मुंडा इन दिनों अपने ही विश्वविद्यालय में राजनीति के शिकार होते नजर आ रहे हैं. वीसी डॉ एसएन मुंडा के कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है, घंटों कुर्सियां खाली की खाली रह जाती हैं और वीसी साहेब अकले ही अपने कार्य में मग्न हो जाते हैं. दरअसल, डॉ एसएन मुंडा को श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी का वीसी बनाने के बाद से यहां राजनीतिक सरगर्मी काफी तेज हो गयी है. पूर्व प्रभारी कुलपति सह रांची कॉलेज के प्राचार्य डॉ यूसी मेहता के उस चिट्टी से राजनैतिक माहौल और भी गरमा गया जिसमें उन्होंने सरकार से पूछा है कि मेरा इस विश्वविद्यालय में क्या दायित्व है.

रांची कॉलेज से एसपीएम यूनिवर्सिटी का सफर
रांची कॉलेज से श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी बनने के सफर में तत्कालीन प्राचार्य प्रो यूसी मेहता का महत्वपूर्ण योग्यदान रहा है. प्रो यूसी मेहता के कार्यकाल के दौरान ही नैक की टीम ने रांची कॉलेज का दौरा किया और टीम ने इसे बेहतर ग्रेड दिया. साथ ही रांची कॉलेज के कई विभागों और भवनों के निमार्ण में डॉ यूसी मेहता ने बढ़चढ़ कर भाग लिया, ताकि रांची कॉलेज को एक बेहतर यूनिवर्सिटी के रूप में स्थापति किया जा सके. यूनिवर्सिटी बनने के बाद उन्हें प्रभारी कुलपति भी बनाया गया लेकिन जब यूनिवर्सिटी में स्थायी वीसी के रूप में डॉ एसएन मुंडा को बनाया गया तब डॉ यूजी मेहता ने सरकार से नाराजी जाहिर करते हुये एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने उल्लेख किया मेरा दायित्व क्या है ? इस पत्र के बाद से यूनिवर्सिटी में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है.
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के ससुर हैं डॉ यूसी मेहता
रांची कॉलेज पूर्व प्राचार्य डॉ यूसी मेहता आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के ससुर हैं. सूत्रों की मानें तो आजसू के करीबी होने के कारण उन्हें कुलपति पद से हाथ धोना पड़ा. न्यूज विंग से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके कार्य और कॉलेज के प्रति समर्पण को सरकार ने नजर अंदाज किया है, वर्तमान में वीसी डॉ एसएन मुंडा बेहतर कुलपति हैं लेकिन उन्हें विश्वविद्यालय में किसी रूप में योग्यदान देना चाहिए. उसकी स्थिति सरकार की ओर से स्पष्ट नहीं की गयी है इसको लेकर वो भ्रम में हैं.
इस सत्र में एडमिशन के लिए 11 हजार छात्रों ने भरा फॉर्म
पिछले साल रांची कॉलेज, वर्तमान में श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्विद्यालय में लगभग 15 हजार छात्रों ने यूजी और पीजी कोर्स में नामांकन के लिए आवेदन दिया था. लेकिन इस साल के सेशन में चांसलर पोर्टल पर अब तक इस विश्वविद्यालय में नामांकन के लिए 11 हजार छात्रों ने आवेदन ऑनलाइन भरा है, जो इस बात को दर्शाता है कि छात्रों में रांची कॉलेज की तुलना में श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का क्रेज कम हुआ है.
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