अब राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को आइएएस की तर्ज पर मिलेगी ट्रेनिंग, एटीआइ करेगा मूल्यांकन
दिए जाने वाले प्रोजेक्ट को तय सीमा के अंदर करना होगा पूरा, कम नंबर आया तो फिर से मिलेगा प्रोजेक्ट, अज्ञात भय को कम करने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से किया जायेगा सुदृढ़

Ranchi: अब राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को आइएएस की तर्ज पर ट्रेनिंग मिलेगी. राज्य सरकार इसके लिए खाका तैयार कर रही है. इसमें सबसे पहले अफसरों को जनोपयोगी योजनाओं पर काम करने का मौका दिया जायेगा. अफसरों का ग्रुप बनाकर अलग-अलग प्रोजेक्ट दिए जायेंगे. इस प्रोजेक्ट को निर्धारित समय पर पूरा करना होगा.
अज्ञात भय खत्म करने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से सुदृढ़ किया जायेगा. ट्रेनिंग का जो खाका तैयार किया गया है, उसमें विशेषज्ञों की भी राय को शामिल किया गया है.
वर्तमान में क्या है ट्रेनिंग की व्यवस्था
- अफसरों को जिला या ब्लॉक में प्रशिक्षण के लिए भेज दिया जाता है.
- एक माह तक प्रशिक्षण पर रहते हैं.
- प्रशिक्षण की अवधि कम होने के कारण पूरी व्यवस्था की जानकारी नहीं मिल पाती
- फिलहाल उनके मूल्यांकन का कोई मापदंड नहीं है.
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अब ऐसी होगी ट्रेनिंग की व्यवस्था
- सबसे पहले अफसरों को जनोपयोगी योजनाओं पर काम करने का मौका दिया जायेगा.
- योजनाओं पर काम करने के लिए अफसरों को ग्रुप में बांटा जायेगा.
- हर ग्रुप के लिए अलग-अलग योजनाओं के प्रोजेक्ट होंगे.
- प्रोजेक्ट को निर्धारित समय सीमा में पूरा करना हो.
- अफसरों द्वारा पूरा किए प्रोजेक्ट का मूल्यांकन एटीआइ करेगा.
- अगर किसी अफसर का मूल्यांकन में कम नंबर आया तो दक्षता बढ़ाने के लिए फिर से प्रोजेक्ट दिया जायेगा.
- अफसरों को मनोवैज्ञानिक रूप से सुदृढ़ किया जायेगा.
आइएएस अफसरों की ट्रेनिंग की क्या है व्यवस्था
- सबसे पहले आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाता है, इसमें उत्तरदायित्व से अवगत कराया जाता है.
- फील्ड ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें एसडीएम या अन्य पदों पर काम करते हुए आत्मविश्वास कायम रहे.
- 10 दिन किसी गांव में रहकर काम करना होता है.
- 10 दिन हिमालय में ट्रैकिंग की ट्रेनिंग.
- केस स्टडी का अध्ययन कराया जाता है.
- अज्ञात भय खत्म करने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से सुदृढ़ किया जाता है.
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