Latehar: महुआडांड़ प्रखंड की अम्वाटोली पंचायत के रिगड़ी टांड में रहने वाली ऐतवारी देवी, आयु 65 वर्ष, का कोई सहारा नहीं है. आपना घर नहीं है, न ही आपनी जमीन है. कुछ सरकारी सुविधाओं का प्रमाण तो है, परंतु पिछले कुछ वर्षो से सरकारी उदासीनता के कारण उसके लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है. राशन के लिए लाल कार्ड है पर आनाज नहीं मिलता है. वृद्धा पेंशन मिलता था लेकिन अब वह भी कई वर्षों से बन्द है.
गौरतलब है कि ऐतवारी नगेसिया एक आदिवासी महिला वृद्ध है. वह होटल में जूठे बर्तन धोकर गुजारा करने के लिए विवश है. ऐतवारी नगेसिया कहती हैं, बुढापा के कारण काम नहीं मिलता है. पहले राशन और वृद्धा पेंशन मिलता था, तो गुजारा हो जाता था.
लेकिन ये मिलना भी बंद हो गया है. तब से लोगों के जूठे बर्तन धोकर आपना पेट भर रही हूं. डीलर के पास गयी तो उसने बहाना कर दिया. बैंक में कहा गया कि आधर कार्ड से खाता को नहीं जुड़ा पाये इसलिए पेंशन बन्द हो गयी. कहती है आधार कार्ड भी बनाया गया था. पर मिला नहीं है.
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