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संत रविदास मंदिर को लेकर हुए प्रदर्शन में हिंसा, 100 से ज्यादा वाहन तोड़े गये, चन्द्रशेखर आजाद सहित  91  गिरफ्तार

NewDelhi : संत रविदास मंदिर गिराये जाने के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद  दिल्ली के तुगलकाबाद में हिंसा फैलाने के मामले में  91 लोग गिरफ्तार किये गये हैं. जान लें कि दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के तुगलकाबाद और उसके आसपास के इलाकों में बुधवार को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई. खबर है कि उपद्रवियों ने100 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ की जिनमें से कुछ गाड़ियां पुलिस की हैं.

गिरफ्तार किये गये लोगों में भीम आर्मी के चीफ चन्द्रशेखर आजाद भी शामिल हैं.   चन्द्रशेखर आजाद पर दंगा फैलाने, सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आगजनी और पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप है. इस घटना में 15 से ज्यादा पुलिसकर्मियो के घायल होने की खबर है. सभी आरोपियों को आज साकेत कोर्ट में पेश किया जायेगा.

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पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े

संत रविदास मंदिर गिराये जाने का विरोध कर रहे उग्र प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस के अनुसार भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने तुगलकाबाद के रविदास मंदिर को तोड़ने को लेकर जारी विवाद के बीच दिल्ली के जंतर मंतर में रैली करने की अनुमति मांगी थी.

उनसे जंतर-मंतर पर रैली की अनुमति नहीं दी गयी और रामलीला ग्राउंड में रैली करने के लिए कहा गया. बुधवार को रैली करने के बाद लोग मार्च करते हुए तुगलकाबाद की तरफ निकल पड़े. हजारों की संख्या में चल रहे लोगों को कई बार  समझाया गया,  लेकिन वे नहीं माने. इसके चलते कई इलाकों में लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. कई जगहों पर एम्बुलेंस फंसी रहीं.

जैसे ही प्रदर्शनकारी तुगलकाबाद के नजदीक पहुंचे उन्होंने पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर पथराव शुरू कर दिया और फिर वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी.  उन्होंने कुछ बाइकों में आग लगा दी. पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और हल्का लाठी चार्ज किया.

दलित संगठन भीम आर्मी  का दावा कहै कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं. प्रदर्शनकारी बसों और ट्रेनों से देश के विभिन्न हिस्सों से आये थे. बती दें कि  10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने रविदास मंदिर को तोड़ दिया था. बाद में कोर्ट ने यह भी कहा था कि इस मामले को लेकर राजनीति न हो. हालांकि दिल्ली से लेकर पंजाब तक राजनीतिक पार्टियां इसे लेकर राजनीति कर रही हैं.

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